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हमारे सुविधाहीन बड़े-बुज़ुर्गों के लिए आश्रय

आधुनिक चिकित्सा और टेक्नोलॉजी के चमत्कारों के कारण दुनिया की वृद्ध होती हुई आबादी हर साल बढ़ रही है। लोग दीर्घायु हो रहे हैं, वे भरपूर जीवन की कामना करते हैं और समुदाय के दैनिक जीवन का हिस्सा बनना चाहते हैं।

कोविड महामारी के दौरान अनेक वयोवृद्ध नागरिक गृहों की दुखद अपर्याप्तता के सामने आने के बाद से हमारे प्रिय वरिष्ठ जनों की देखभाल में काफी सुधार हुआ है ।

लेकिन इसके बावजूद, वित्तीय कारणों से, पश्चिमी देशों में प्रचलित प्रथा के अनुसार हमारे बुजुर्गों को बड़े-बड़े परिसरों में रखकर उन्हें देखभाल प्रदान करते हुए बड़े पैमाने पर सेवा उपलब्ध कराई जाती है। किंतु कुछ अविकसित देशों के बुजुर्ग इतने भाग्यशाली नहीं हैं। उन्हें अपने बच्चों की दया पर छोड़ दिया जाता है, लेकिन अधिकांश मामलों में उनके पास उनके लिए समय नहीं होता है, या उनके जीवन की वित्तीय और अन्य प्राथमिकताएं उन्हें अपने माता-पिता की देखभाल करने की अनुमति नहीं देती हैं। इसके अलावा, कई मामलों में बुजुर्गों को सरकारी एजेंसियों या किसी अन्य संगठन की मदद के बिना स्वयं पर बेसहारा छोड़ दिया जाता है। मैंने उन्हें सड़कों पर भीख मांगते या गरीबी में मरते हुए देखा है।

इसी बात ने मेरे मन में भारत में नाज़ रेस्ट होम के निर्माण की संकल्पना जगाई। यह संकल्पना बहाई धर्म के पवित्र लेखों पर आधारित है जिसमें हमारे वरिष्ठ जनों की शारीरिक, आध्यात्मिक, भावनात्मक और बौद्धिक ज़रूरतों के सभी पहलुओं का ध्यान रखने को कहा गया है, क्योंकि उन्होंने इस दुनिया को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर स्थान बनाने के लिए अपना सारा जीवन खपा दिया।

हमारी पीढ़ी को चाहिए कि वह उनकी ज़रूरतों पर विचार करे और बुज़ुर्गों की देखभाल के लिए एक समग्र दृष्टिकोण विकसित करे। हमें चाहिए कि हम उन्हें अपने ज्ञान, बुद्धि और उनके द्वारा सीखे गए दीर्घकालिक सबक हम सबको प्रदान करके उत्पादक बने रहने दें। 

सेवा प्रदान करने के कई प्रयोग और नए तरीके हैं, और नाज़ रेस्ट होम उन वयोवृद्ध लोगों पर ध्यान केंद्रित करता है जो गरीब और वंचित हैं। लेकिन केवल इन नवाचारों से दुनिया के हृदय और मस्तिष्क में कोई बदलाव नहीं आएगा। हमें उन बहुमूल्य व्यक्तियों की ज़रूरतों का फिर से आकलन करना चाहिए जो शरीर से भले ही दुर्बल हो सकते हैं लेकिन जो परिपक्वता के सही रास्ते पर चलने के लिए युवा पीढ़ी के लिए बुद्धिमत्ता भरी सलाह के खजाने हैं। निम्नांकित उद्धरण नाज़ रेस्ट होम के लिए दिशानिर्देश बन गया है:

मानव समुदाय में वृद्धों का पूर्ण एकीकरण होना चाहिए, क्योंकि समुदाय को एक विस्तृत परिवार जैसा होना चाहिए जिसमें हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी उम्र का हो, एक अपरिहार्य हिस्सा हो, और उसे समग्र के कल्याण में अपना यथासंभव पूर्णतम योगदान देने की न केवल अनुमति दी जानी चाहिए, बल्कि इसके लिए प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए; और विकास की प्रक्रिया में वयोवृद्ध जनों की आवश्यकताओं पर विचार करते समय हमें विकास में वृद्ध व्यक्तियों के विशेष योगदान और उससे प्राप्त होने वाले लाभों में उनकी भागीदारी पर चर्चा करते समय उनकी भावनात्मक, बौद्धिक और शारीरिक प्रकृति के अलावा मनुष्य की पूर्णता के लिए उनके नैतिक और आध्यात्मिक आयाम को भी ध्यान में रखना चाहिए।~ बहाई अंतर्राष्ट्रीय समुदाय

समुदाय के जीवन की गुणवत्ता में योगदान देने के लिए वयोवृद्ध जनों को हमारी देखभाल और सहायता की आवश्यकता है। यह अफ़सोस की बात है कि बुजुर्गों के लिए योजना बनाने की प्रक्रिया में उनकी आध्यात्मिक और भावनात्मक जरूरतों की अनदेखी कर दी जाती है और उन्हें भुला दिया जाता है। ज्यादातर मामलों में, हमारे बुज़ुर्गों की शारीरिक जरूरतों को प्रभावी रूप से पूरा करने के लिए उन्हें समाज से अलग कर दिया गया है और उनकी आध्यात्मिक और मानवीय जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया गया है। यह दृष्टिकोण उस आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत दूर है जो हर इंसान को आध्यात्मिक प्राणी के रूप में देखता है।

चाहे हम कितने भी बूढ़े हो गए हों, शरीर की स्थिति या उम्र के कारण हमें आत्मा के पोषण के मार्ग से भटकना नहीं चाहिए। बहाउल्लाह हमें आत्मा और शरीर के आपसी सम्बंध का स्मरण कराते हैं:

तुम यह जान लो कि मनुष्य की आत्मा और शरीर या मन की सभी दुर्बलताओं से परे और स्वतंत्र है। बीमार व्यक्ति में कमज़ोरी के लक्षण दिखना उसकी आत्मा और शरीर के बीच में आने वाली बाधाओं के कारण है, किंतु आत्मा स्वयं किसी भी शारीरिक बीमारी से अप्रभावित रहती है।~ बहाउल्लाह

हमें चिंतन करने, आत्ममंथन करने और अपने बुजुर्गों द्वारा दुनिया की बेहतरी के लिए उनके जीवनकाल में किए गए योगदान को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिए एक नया दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। देखभाल का यह दृष्टिकोण बहाई जीवन की भावना के अनुरूप है।

संक्षेप में, हमारे पास स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं या होंगी जो यह संकेत देती हैं कि हमें सहायता की आवश्यकता है, और यह बहुत अच्छा होगा यदि हम इस तथ्य के प्रति सचेत हों और अब्दुल-बहा द्वारा हमारे लिए निर्धारित की गई दिशा में समीक्षा करना, योजना बनाना और कार्य करना शुरू करें।

सेवा के मार्ग से बढ़ कर सृष्टिकर्ता परमेश्वर को प्रसन्न करने का और कोई बेहतर तरीका नहीं है। अब्दुल-बहा हमें बताते हैं:

हम जानते हैं कि गरीबों की मदद करना और दयालु होना अच्छा है और इससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं, लेकिन केवल ज्ञान से भूखे व्यक्ति का पेट नहीं भरता और न ही कड़ाके की सर्दी में गरीबों को ज्ञान या शब्दों से गर्माहट दी जा सकती है; हमें प्रेमपूर्ण दयालुता की व्यावहारिक सहायता करनी चाहिए।~ अब्दुल-बहा

हम एक ऐसे भविष्य का स्वप्न देखें जहां प्रत्येक समुदाय में, पूर्ण एकीकरण के लक्ष्य के आधार पर, बुज़ुर्ग लोग सभी उम्र के लोगों के साथ कला, बागवानी और विभिन्न सामुदायिक कार्यक्रमों जैसी गतिविधियों में शामिल हो सकें। उन्हें गतिविधियों की योजना बनाने और युवा पीढ़ी को अपने जीवन के अनुभव प्रदान करने के लिए मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में शामिल किया जा सकता है। हम कल्पना कर सकते हैं कि प्रत्येक बुज़ुर्ग को आध्यात्मिक रूप से एक परिवार द्वारा गोद लिया गया है जो उनकी देखभाल करता है और उन्हें अपने परिवार के सदस्यों के रूप में गिनता है।

पेज (पृष्ठ)

यह वेबसाइट लक्ष्यों और प्रेरणाओं तथा इसके कार्य-संचालन के बारे में अंग्रेजी और हिंदी में जानकारी प्रदान करने के लिए तैयार की गई है।

होम (HOME) पेज में हमारे बहुमूल्य वरिष्ठ जनों का सहयोग करने और उनकी देखभाल के कारणों और आवश्यकताओं को समझाया गया है।

परिचय (ABOUT) पेज हमें नाज़ रेस्ट होम की आरंभ से लेकर अभी तक की यात्रा पर ले जाता है।

संसाधन (RESOURCES) पेज में हम पाठकों को हमारे प्रिय बुजुर्गों की आवश्यकताओं को समझने और उनके ज्ञान के खजाने से बुद्धिमत्ता प्राप्त करने के लिए अपना ज्ञान बढ़ाने में सक्षम होने के लिए सामग्री उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं।

न्यूज़लेटर (NEWSLETTER) पेज संवाद के एक माध्यम के रूप में काम करेगा तथा उसमें हमारी गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में समाचार साझा किए जाएंगे।

फोटोज़ (PHOTOS) और वीडियोज़ (VIDEOS) पेज के विज़िटर्स फोटो और वीडियो के माध्यम से कार्य के आरंभ से लेकर अभी तक की प्रगति देख सकते हैं।

सहायता (SUPPORT) पेज में यह दिखाया गया है कि प्रार्थनाएं और स्वयंसेवक इस कार्य में किस प्रकार सहायता कर सकेंगे।

और अधिक जानें (LEARN MORE)  पेज पर विज़िटर्स धर्मों की एकता और मानव जाति की एकता के बारे में और अधिक जान सकते हैं, जो कि सेवा के साथ-साथ, नाज़ रेस्ट होम नामक इस बहाई-प्रेरित उपक्रम की प्रेरक शक्ति है।

सम्पर्क (CONTACT) पेज किसी भी प्रश्न और पूछताछ के लिए नाज़ रेस्ट होम से जुड़ने का माध्यम है।